अल्का शाम को किचन में चाय बना रही थी। दिसंबर में कुछ इस बार ठंड भी ज्यादा पड़ी थी। वह अपने बड़े से किचन में शाम के खाने की तैयारी कर रही थी और सास ससुर के लिए चाय बना रही थी। मन ही मन सोचती है कि ऐसे घर में रहने से अच्छा है कि तलाक ले ले।
पीछे से सास के डाटने की आवाज़ आती है।और हमेशा की तरह इस बार भी उसके मायके के बारे में उल्टा सीधा बोला जा रहा है। अल्का अपना सा मुँह बना कर काम में लग जाती है।
तभी उसके पति की कार की आवाज़ आती है। और उसके मन में नयी उमंग सी आ जाती है। पर उसके पति ने आकर अपनी माँ से बात की और अल्का पर चीखने लगा। अल्का के आँसू निकल आये पर वह अपने काम करती रही।
सब को खाना खिलाया और फिर अपने बेडरूम में आ गयी। कहने को उसके घर में क्या नहीं था, बड़ी बड़ी गाड़ियाँ, टीवी, फ्रिज, एसी, माइक्रोवेव, आलीशान फर्नीचर। पर कुछ था जो अल्का को अंदर ही अंदर खाये जा रहा था।
वह आज की बात को सोच कर रोने लग जाती है।और फिर उसे 2 महीने पहले की सास की बात याद आ जाती है। वह सोचने लग जाती है, कि ये सब उसके साथ ही क्यों हो रहा है।
आखिर उसने ऐसा किया ही क्या है। उसके मन में बहुत सारे सवाल चल रहे है। अल्का पुरानी बातें सोच सोच कर परेशान है। रिश्तेदारों के सामने भी उससे अच्छे से पेश नही आते है।
अल्का अपनी तरफ से सास ससुर की सेवा करने में कोई कमी नही रखती थी। पर आज तक उन्होंने उससे एक बार भी प्यार से बात नही की।
अल्का इस बात से ज्यादा परेशान है कि उसका पति भी उससे अच्छे से बात नही करता है। हर बात पर उसको मारना चिल्लाना। कुछ चीज गलत हो जाये तो पूरा घर मिलकर उसको मारता है। अल्का की एक गलती भी माफ़ नही है।
तभी अचानक से सास की आवाज़ आती है। अल्का अपने आसूं पोछ कर सास के पास जाती है। सास को गुस्से में देख कर अल्का सहम जाती है,और उसके मन में विचार आता है कि अब उसने क्या गलती कर दी है।
वह धीरी आवाज़ में अपनी सास से पूछती है क्या हुआ माँ जी आपने मुझे बुलाया। सास ने चिल्लाते हुए कहा, घर में मेहमान आने वाले है। तूने कुछ तैयारी भी नही की अभी तक। पूरे दिन अपने कमरे में पड़ी रहती है।
घर के काम में तो तेरा बिल्कुल मन ही नही लगता है। बस मायके में बात करा लो पूरे दिन, ससुराल की जी भर कर बुराई करा लो।अल्का को कुछ समझ नहीं आ रहा था, कि वो बोले तो बोले क्या।
वो वहा शांत रहकर बस बातें सुनती जा रही थी। अल्का ने कभी अपने मायके में ससुराल की बुराई नही की।
वो अल्का के पास गया और चिल्लाने लगा। इस बात पर पति-पत्नी में आपस में कहा सुनी हो गई। पति से रहा नहीं गया और उसने अलका को दो-तीन थप्पड़ जड़ दिए।
अल्का को भी गुस्सा आ गया। उसने भी दो चार बातें बोल दीं। मामला तभी रफा-दफा हो जाता, लेकिन पति ने इसे अपनी तौहीन समझा। घरवालों ने मामला और पेचीदा बना दिया।
उसके ससुराल वालों ने इसे खानदान की नाक कटना कहा, कि आज तक हमारे ख़ानदान में किसी औरत ने इतनी ऊंची आवाज़ में बात नही की, यह भी कहा कि पति से ऊंची आवाज़ में बात करने वाली औरत न वफादार होती है न पतिव्रता।
इन सब बातों के बाद अल्का ने निश्चय किया कि अब वह तलाक ले लेगी और इस नरक से दूर चली जाएगी और बाकी की जिंदगी अच्छे से वितायेगी।
उसने अपनी दोस्त से इस बारे में बात की। उसकी दोस्त ने Aapka Advocate के बारे में बताया। उसके बाद उसने Aapka Advocate पर पहले Phone Consultation के लिए appointment ली।
Advocate ने उनकी पूरी समस्या सुनी और फिर उन्हें तलाक का सही तरीका बताया। जिसके बाद अल्का को तलाक के साथ, अच्छा compansation मिला और उस नरक से मुक्ति मिली।
आज अल्का एक अच्छी job कर रही है और वह अपने नये जीवन में बहुत खुश है।