कोर्ट मैरिज – पैसा ही सब कुछ नही होता है, रिश्ते भी जरूरी होते है
संडे का दिन था, इसलिए सुबह सुबह कोई हड़बड़ी नहीं थी. सात बज चुके थे और सब बस सो कर ही उठे थे. अखबार वाला भी संडे को देर से ही आता था. सबको चाय का प्याला थमा कर सुकून से वह बालकनी में अपनी चाय ले कर बैठी ही…